JNU violence: Students and teachers protest against violence, police stopped the procession


जेएनयू हिंसा : छात्र और शिक्षकों का हिंसा के खिलाफ प्रदर्शन, पुलिस ने जुलुस रोका



नई दिल्ली/भदैनी मिरर। जेएनयू में बीते रविवार को हुई हिंसा के विरोध में विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर जगदीश कुमार को हटाने के लिए गुरूवार को छात्र और शिक्षकों ने 'दिल्‍ली मार्च' निकला। इस दौरान वे यूनिवर्सिटी से मंडी हाउस तक पैदल मार्च करना चाहते थे लेकिन विश्वविद्यालय के गेट पर ही पुलिस ने उनको रोक दिया। लेकिन छात्र मार्च निकालने के लिए अड़े रहे। वहीं छात्रों के प्रदर्शन को देखते हुए जेएनयू में सुरक्षा कड़ी कर दी गई। वहीं जेएनयू वीसी ने इस मामले में कमेटी गठित की है। वीसी का कहना है की कमेटी की रिपोर्ट आने के बाद मामले की जांच की जायेगी।



बताते चलें की जेएनयू में हुई हिंसा को लेकर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल समेत कई कांग्रेस नेताओं ने भी विश्वविद्यालय के कुलपति को आड़े हाथ लिया।पांच जनवरी को हुई हिंसा के लिए कांग्रेस ने विश्वविद्यालय के कुलपति पर हमला करते हुए उनके बुधवार को मांग की. पूर्व केंद्रीय मंत्री पी. चिदंबरम ने बुधवार को एक ट्वीट में कहा कि कुलपति को विश्वविद्यालय छोड़ देना चाहिए. उन्होंने कहा, "जेएनयू के कुलपति चाहते हैं कि छात्र अतीत को पीछे छोड़ दें. उन्हें अपनी सलाह माननी चाहिए. वह अतीत हैं. उन्हें जेएनयू छोड़ देना चाहिए।"



कांग्रेस के एक अन्य वरिष्ठ नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा, "जेएनयू के कुलपति ने परिसर की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अपनी जिम्मेदारी तक नहीं ली है और अब वह लापता हैं। पुलिस ने छात्रों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है, जबकि गुंडे परिसर में दंगा करते हैं। लगता है कि कानून-व्यवस्था हमारे अपने लोगों के प्रति असमर्थ है!"



साथ ही कांग्रेस नेताओं ने बुधवार को जेएनयू का दौरा किया। सुष्मिता देव के नेतृत्व वाली टीम साबरमती हॉस्टल गई, जहां रविवार को हिंसा हुई थी। टीम ने मारपीट के समय मौजूद छात्रों और लोगों से भी बातचीत की. टीम के एक सदस्य और जेएनयू में एनएसयूआई के पूर्व अध्यक्ष सैयद नसीर हुसैन ने कहा, "स्थिति गंभीर है और हम कांग्रेस अध्यक्ष को रिपोर्ट सौंपेंगे। "टीम में नसीर हुसैन, हिबी एडेन और अमृता धवन शामिल रहे। कांग्रेस ने मंगलवार को परिसर में हमले में शामिल दोषियों को गिरफ्तार नहीं करने के लिए सरकार पर हमला किया और इसके बजाए जेएनयूएसयू की अध्यक्ष आइशी घोष व अन्य पीड़ितों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की निंदा भी की।