क्या है जो रह-रहकर सुलग रहा है बीएचयू में
वाराणसी। लंबे अंतराल तक शांत रहने के बाद काशी हिंदू विश्वविद्यालय एक बार फिर सुलग रहा है। छोटी-छोटी घटनाओं से शुरु हो रहा विवाद बड़ा रुप ले रहा। कैम्पस में धरना और मार्च के बाद छात्रों का मनोबल बढ़ता ही जा रहा है। दुर्भाग्य है कि महामना की बगिया में पढ़ने आए छात्रों के कमरों से पुलिस को शीशी-बोतल और हथियार मिल रहे है। विश्वविद्यालय इन घटनाओं पर मनबढ़ छात्रों को चिन्हित कर कार्यवाही नहीं कर रहा जिसका खामियाजा आम जनता को भी भुगतना पड़ रहा है। कुछ दिन पूर्व ही बीएचयू के मनबढ़ छात्रों और दवा दुकानदारों का लंका पर आमना-सामना हुआ था। वह अभी बिता ही था कि बीते रविवार को छात्रों का दो गुट लंका थाने के मालवीय चौराहे पर भीड़ गया। इस दौरान बीच-बचाव कर मामला शांत करवाने पहुंचे लंका थाने के आरक्षी सुमित सिंह को भारी पड़ गया। एक गुट के छात्रों ने आरक्षी सुमित सिंह को ही मारपीट कर चोटिल कर दिया। बाद में पुलिस ने आरक्षी की तहरीर पर अज्ञात के विरुद्ध मुकदमा पंजीकृत कर लिया। घटना की सूचना मिलते ही मौके पर सिर चौकी इंचार्ज अमरेंद्र पांडेय और चितईपुर चौकी इंचार्ज प्रकाश सिंह पहुंचे और सबको थाने लेकर पहुंचे। यक्ष प्रश्न यह कि आखिर क्या है जो रह-रहकर सुलग रहा है बीएचयू में। अक्सर घटनाओ के पीछे या तो वर्चस्व की लड़ाई देखी गई है या अंदरूनी राजनीति के चलते छात्रों को मुद्दों को उकसाया जाता है।
...सोशल मीडिया पर निलंबित दरोगा का समर्थन
छात्रों ने आरोप लगाया कि मौके पर पहुंचे दरोगा प्रकाश नहीं ने उन्हें पिटा है, साथी को छुड़ाने के लिए थाने पहुंचे छात्रों ने हंगामा शुरू कर दिया। हंगामे को देखते हुए एसएसपी प्रभाकर चौधरी ने दरोगा प्रकाश सिंह सहित पुलिसकर्मियों को घटना के बाद सस्पेंड कर दिया। हालांकि अपने ही दरोगा को निलबिंत करने में एसएसपी ने जल्दबाजी कर दी। सोशल मीडिया पर बीएचयू के ही छात्रों ने मुहीम छेड़ दिया है। छात्र-छात्राएं लिख रही है, हम प्रकाश के साथ है। उन्होंने हमेशा ईमानदार पुलिसकर्मी की भूमिका निभाई है, तेजतर्रार होने का विभाग ने सही परिणाम नहीं दिया। समर्थक लिखते है कि प्रकाश कोतवाली और लंका रहते हुए कई बड़े खुलासों में रहे।
मांग पत्र पर उठे सवाल
छात्र संगठनों द्वारा सात सूत्रीय जो मांग पत्र है उस पर अब सवाल उठने लगे है। लोगों का कहना है कि एक तरफ छात्रों को सुरक्षा भी चाहिए और दूसरी ओर कैम्पस से पुलिसकर्मियों को हटाने की मांग क्यों हो रही? दूसरा सवाल यह की छात्रों को ठेला-पटरी वालों से क्या मतलब? दोनों गुटों के अपने तर्क है मगर इन छात्र संगठनों को याद रखना होगा की विश्वविद्यालय की सुरक्षा व्यवस्था हमेशा से फेल रही है और उसी कैम्पस में एक छात्र की गोली मारकर हत्या तक कर दी गई थी।
प्रकाश ने लिखा अधिकारियों का करता हूँ सम्मान
लगातार सोशल मीडिया पर बीएचयू के छात्रों द्वारा समर्थन में लिखे जा रहे पोस्ट पर निलंबित एसआई प्रकाश सिंह ने फेसबुक पर पोस्ट करते हुए लिखा है कि कानून-व्यवस्था को बनाए रखने के लिए अधिकारियों द्वारा जो निर्णय लिया गया है उसका मैं सम्मान करता हूँ और जनता द्वारा मिल रहे स्नेह का आभारी हूँ। वर्दीधारियों को वर्दी से प्रेम होता है, आगे अधिकारी जो निर्देश देंगे हमे उसे मानने के हमेशा तैयार है।
एसआई दरोगा के फेसबुक पर आये कुछ कमेंट्स...
Abhishek Tripathi:
ये थप्पड़ है... उनके मुंह पर जिन्हें अराजकता को ढांपने के लिए सर्वहारा समाज के रक्षक का चोला ओढ़ना पड़ता है।
ये थप्पड़ है... उनके मुंह पर जो पढ़ने के लिए एक विश्वस्तरीय आवासीय विश्वविद्यालय में आए हैं। और पढ़ाई छोड़ सबकुछ कर रहे हैं।
ये थप्पड़ है... उनके मुंह पर जो सोचते हैं कि संख्याबल के बूते किसी भी व्यवस्था को तोड़मरोड़ सकते हैं।
ये थप्पड़ है... उनके मुंह पर जो सर्वशिक्षा की राजधानी को फुटेज पाने के लिए भाड़ में झोंक रहे हैं।
और ये थप्पड़ है उनके मुंह पर... जिन्हें हर पुलिसवाला भ्रष्ट और दलाल लगता है। जैसे सभी छात्र आपके जैसे नहीं हैं, वैसे ही सभी पुलिसवाले एक जैसे नहीं होते...
हालांकि शर्म तो आपको आनी नहीं है। फिर भी अकेले में इस कलेजे वाले सिपाही की ये पोस्ट पढ़ियेगा और विचार करियेगा कि आप समर्थन जुटा रहे हैं और वो पूरी विनम्रता से समर्थकों को समर्थन से रोक रहा है...
Prakash Singh सलाम रहेगा आपको
Himanshu pratap singh lodhi:
आपसे कभी मिला नहीं लेकिन आपकी लोकप्रियता और आपकी बेहतरीन कार्यशैली के चर्चे फसबूक के माध्यम से पता लगते रहते है आपने अपना फर्ज को बखूबी निभाया आप परेशान न हो आपकी वापसी जल्दी होगी आप अकेले नही हो आप जमीनी स्तर से मजबूत है कोई न कोई सकारात्मक संदेश जरूर मिलेगी धैर्य रखें उच्च अधिकारी कुछ फैसले जल्दवाजी में ले लेते है उम्मीद है जल्द ही विचार होगा और आपको वापस बुलाया जायगा आप जैसे ऑफिसर की समाज को जरूरत है।
Pritam Singh :
आप धैर्य रखिए हम लोग आप के साथ है।
Sachin Singh Golu:
भइया आपके साथ गलत हुवा फिर भी हम लोग शान्त है पर कब तक शान्त रहेंगे हम लोग।
रितेश मिश्र:
आपके व हम सभी के साथ अन्याय हुआ है परंतु फिर भी आपके जज्बे और धैर्य, अनुशासन, ईमानदारी व अधिकारियों के प्रति सम्मान होना व कानून व्यवस्था स्थापित रहे इसका ध्यान रखना...... बहुत ही विरले व्यक्तित्व है आपका भैया, हम तो नतमस्तक है मेरे भैया ❤🙏🙏
Shampa Samanta:
Ye to aapka badakpan ha jo aapne bola... But kanoon k rakhwale itna kanoon to jante honge k bina investigation aur bina enquiry kiye kisiko aysehi suspend nhi kiya jata.. Aur agar kisi apradhi ko rokna aur apraadh ko rokna police k hath me nhi hota to police force hi utha de.. Police ki kya jarurat ha... Ladta ha to ladne do.. Marta ha to marne do.. Well I support you.. #istandwithprakashsingh
श्रद्धा सुमन राय :
मुश्किलें हमेशा उसी के सामने आती है जो उससे भाग कर नहीं उसका डट कर, धेर्य रख कर और संवेदनशील हो कर सामना करता है।। 👏👏👏👏
पत्रकार अमरेंद्र पांडेय:
आपके धैर्य, फर्ज और कर्तव्यनिष्ठा का जवाब नहीं।
योगी आलोक नाथ सनातनी:
भैया बहुत खेद है आपके साथ अन्याय हुवा है एक बात कहना चाहता हूँ सच्चाई का जमाना नहीं है आप जैसे धैर्यवान वयक्ति कम ही होते हैं और आपने अपना कर्तव्य किया है बांकी भगवान सब कुछ देख रहे हैं जय हिन्द