किशोरी ने परिजनों संग खाया विषाक्त, पुलिस पर लगाया आरोप, हालात गंभीर
एसएसपी बोले आरोप बेबुनियाद, हो रही जांच
वाराणसी। जिला मुख्यालय पर सोमवार को एसएसपी कार्यालय के समक्ष नाबालिग सामूहिक दुष्कर्म पीड़िता ने अपने परिवार के साथ जहर खाकर आत्महत्या का प्रयास किया। तीनों की हालत खराब होते देख राहगीरों ने शोर मचाना शुरू कर दिया। सूचना मिलने पर मौके पर पहुंची कैंट पुलिस ने उन्हें आनन—फानन में पांडेयपुर स्थित पं.दीन दयाल उपाध्याय जिला अस्पताल के भर्ती कराया जहां तीनों की हालत गम्भीर बनी हुई है। सूचना पर उच्चाधिकारी भी अस्पताल पहुंचे। इस दौरान पूछताछ में दुष्कर्म पीड़िता के परिजनों ने बताया कि पुलिस आरोपियों की गिरफ्तारी में हीला हवाली कर रही है जिससे क्षुब्ध होकर हमें यह कदम उठाना पड़ा है।
बताया जा रहा की कैंट थाना क्षेत्र के निवासी एक व्यक्ति ने पिछले दिनों क्षेत्रीय थाने में कैंट स्टेशन पर तैनात सीनियर टीसी जमीर आलम, उत्कर्ष तिवारी और विशाल मौर्या के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराया था। आरोप है कि तीनों उसकी नाबालिग पुत्री को फिल्मों में काम दिलाने के बहाने मुंबई ले गए। मुम्बई के एक होटल में पुत्री को नशे की दवा देकर सामूहिक दुराचार किया। इस दौरान वहां पहले से पांच लड़कियां और मौजूद रही। दुष्कर्म के बाद आरोप है कि सभी लड़कियों को देह व्यापार के लिए बेच दिया गया। इसी बीच कैंट निवासी किशोरी किसी तरह वहां से भाग कर वाराणसी आ गई। किशोरी ने परिजनों को पूरा मामला बताया तो परिजन उसे लेकर कैंट थाने पहुंचे और तीनों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया। इसी बीच किशोरी के भाई की लाश गंगा किनारे मिली। परिवार वालों ने हत्या का आरोप तीनों अपहरणकर्ताओं पर लगाया। लेकिन पुलिस ने इसे हादसा बताया। इस मामले में परिजन अफसरों से मिले और लाश की फ़ोटो दिखाते हुए न्याय की गुहार लगाईं। इसके बावजूद पुलिस का रवैया लचर रहा। परिजनों ने एसएसपी से भी गुहार लगाई। इसके बाद पुलिस ने पिछले दिनों मुख्य आरोपित कैंट स्टेशन पर तैनात सीनियर टीसी जमीर आलम को पुलिस लाइन तिराहे से गिरफ्तार किया था। पुलिस ने इस मामले में एक अन्य आरोपित को पहले ही गिरफ्तार कर लिया था। एक अन्य फरार आरोपी के गिरफ्तारी न होने से परिजन नाराज थे। दुष्कर्म पीड़ित के पिता का आरोप है सीओ कैंट और थाना प्रभारी मृत बेटे व दुष्कर्म पीड़ित बेटी के साथ हुई घटना में आरोपियों को बचाना चाह रहे हैं। पुलिस ने विरोधियों से रिश्वत ली है। आरोप लगाया कि इस मामले में दौड़ते दौड़ते दो माह हो गये। पुलिस बजाय कार्यवाही के उन्हें ही कचहरी पुलिस चौकी ले जाकर धमकाती है।
इस संदर्भ में एसएसपी प्रभाकर चौधरी ने पुलिसिया प्रताड़ना से इनकार करते हुए कहा है कि यह घटना उकसा कर कराई गई है जिसकी जांच की जा रही है। उन्होंने बताया कि नाबालिग लड़की है जिसका कई प्रकरण चल रहा है। पूर्व में भी घर से भागे जाने का एफआईआर दर्ज हुआ था जिसमे पुलिस उसे ढूंढ निकाला था। पीड़िता का मजिस्ट्रेट के सामने 164 का बयान हुआ है। जिसमे दो आरोपित जेल में हैं। मामले की जांच हो रही है। पीड़िता ने जहर खाने से पूर्व सुसाइड नोट भी लिखा है। ऐसा प्रतीत होता है कि किसी ने यह उकसा कर कराया है। हमारी प्राथमिकता पहले बेहतर इलाज कराना है।