Professors now join students in protest against CAA

सीएए के विरोध में छात्रों के साथ अब प्रोफेसर भी शामिल



वाराणसी। सीएए और एनआरसी का विरोध वाराणसी में अब भी जारी है। बीएचयू छात्रों के बाद अब विश्वविद्यालय के प्रोफेसर भी इसमें कूद पड़े हैं। गुरुवार को उन्होंने सीएए के खिलाफ हस्ताक्षर अभियान चलाकर अपना विरोध जताया है। हस्ताक्षर अभियान के साथ सोशल मीडिया पर विरोध जताने वाले प्रोफेसरों का कहना है कि यह कानून पूरी तरह से स्वतंत्रता संग्राम की भावना के खिलाफ है। सरकार को इस पर पुनर्विचार करना चाहिए। उनका कहना है कि यह कानून लोकतंत्र के विचारों के विरुद्ध है। यह महात्मा गांधी और रवींद्र नाथ टैगोर जैसे महान विभूतियों की भूमि है जहाँ यह कतई स्वीकार नहीं किया जाएगा। यह स्पष्ट रूप से साम्प्रदायिक आधार पर समाज को बांटने का प्रयास है। इसी तरह अन्य प्रोफेसरों ने भी इस कानून के बाबत सरकार से पुनर्विचार की मांग की है। साथ ही विरोध करने वाले प्रोफेसर इस कानून के विरोध ने किसी तरह की हिंसा के भी खिलाफ हैं। उनका कहना है कि विरोध पूरी तरह से अहिंसक होना चाहिए। 
विरोध में बीएचयू के सम्बद्ध कालेज के शिक्षकों के अलावा आईआईटी बीएचयू के प्रोफेसर भी शामिल रहे।