Even in Banaras, 'darkness remains', take advantage of prominence

बनारस में भी 'कायम है अंधेरा', फायदा उठाते हैं शोहदे 


ऐसी हैं अन्धेर गालियां जिधर से गुजरने में रूहें कांप उठती हैं, जाने कौन ढूंढ रहा डार्क स्पॉट



वाराणसी। महिला सुरक्षा को लेकर लखनऊ पुलिस ने मुहिम छेड़ी और अन्धेरे का फायदा उठाकर शोहदों की बढ़ रही गतिविधियों पर रोक लगाने के लिए अंधेरे इलाकों को चिन्हित किया है। ऐसा नहीं केवल लखनऊ में ही अंधेरी गालिया हैं और महिलाएँ असुक्षित महसूस करती हैं बल्कि वह हालात बनारस में भी हैं और शाम ढलने के बाद उन गलियों से गुजरने में उनकी रूहें कांप उठती हैं। लखनऊ प्रदेश की राजधानी है तो बनारस व्यस्तताओं में उससे तनिक भी कम नहीं है। लखनऊ पुलिस की इस मुहिम के बाद रेड एफ एम डार्क स्पॉट ढूंढ रही है। बनारस में इसका जिम्मा उठाया है आर जे पिंकी ने। दुनिया जानती है कि विश्व का सबसे बूढा शहर बनारस कभी सोता नहीं है। चाय,भोजन, पूजन सामग्री, ठहाके लगते इस शहर में हमेशा आपको मिल जाएंगे। इतना ही नहीं विदेशी पर्यटक रात के दूसरे पहर में भी घाटों और सड़कों पर घूमते नजर आ जाएंगे। 
आर जे पिंकी ने बताया कि जब वह मुहिम छेड़ी तो शहर के कई कोनो से फोन आये और महिलाओं ने बताया कि अन्धेरा होने के बाद बिजली की समुचित व्यवस्था न होने से शराबी अंधेरे का फ़ायता उठाकर शराब पीते हैं और आने जाने वाली लड़कियों को फब्तियां कसते हैं। उन्होंने बताया कि विश्वसुंदरी पुल के नीचे का इलाका गड़वाघाट पिछले कई वर्षों से अन्धेरे में है। जहां जाने में खुद मुझे डर लग रहा था। गौर करने वाली बात है कि वाराणसी पुलिस के साथ-साथ यह कमी नगर निगम की भी है कि वह कई इलाकों में आज तक बिजली तक नहीं पहुंचा पाए हैं। 


इन इलाकों में कायम है अंधेरा


भगवानपुर


छित्तूपुर
हैदराबाद गेट
सुसवाही
नगर निगम रोड