रक्त में चीनी बढ़ने वाली बीमारी की तरह न देखें मधुमेह को, हो सकता है खतरा
विशेषज्ञों ने कहा चिकित्सकों को जनता तक पहुंचाने चाहिए डाइबटीज पर हुए उन्नत शोध...
वाराणसी। मधुमेह की बीमारी को सिर्फ रक्त में चीनी बढ़ने वाली बीमारी की तरह नहीं देखा जाना चाहिए बल्कि इसे कई बीमारियों के समूह की तरह देखा जाना चाहिए। हृदय, गुर्दे, आंखें, पैर एवम नसों पर इसका प्रभाव पड़ता है। आज जो उन्नत श्रेणी के शोध हुए हैं उनको यदि ठीक तरीके से जनता के बीच डॉक्टरों के माध्यम से पंहुचाया जय तो मधुमेह, हृदयाघात, गुर्दे एवं आंखों को पूर्णतया बचाया जा सकता है।
उक्त बातें पैनेसिया हॉस्पिटल व पैनेसिया अन्तर्विभागीय शोध संस्थान वाराणसी के संयुक्त तत्वावधान में शनिवार को आयोजित मधुमेह एवं हृदय रोग के जटिलता एवं तकनीकी सामंजस्य विषयक दो दिवसीय अन्तराष्ट्रीय सेमिनार कॉर्डियोबकॉन 2019 के दौरान कॉर्डियोबकॉन के सचिव डॉ आशुतोष मिश्रा व डॉ पल्लवी मिश्रा ने कही। कार्यक्रम का शुभारंभ अतिथियों व कॉर्डियोबकॉन के सचिव डॉ आशुतोष मिश्रा ने दीप प्रज्जवलित कर किया। संस्था की चेयरमैन डॉ पल्लवी मिश्रा ने अतिथियों को अंगवस्त्रम, स्मृतिचिन्ह व प्रमाणपत्र प्रदान कर उन्हें सम्मानित किया। इस अवसर पर सेमिनार में सम्मिलित चिकित्सकों ने मधुमेह व हृदय रोग से संबंधित अपने-अपने शोध पत्र प्रस्तुत किये। कार्यक्रम का संचालन डॉ संध्या ओझा ने किया व धन्यवाद ज्ञापन डॉ राधेश्याम ओझा ने दिया। कार्यक्रम में राज्य महिला आयोग की सदस्य मीना चौबे, डॉ पी के सिन्हा, राकेश चौहान, शैलेश पांडेय, वागेश सिंह समेत बड़ी संख्या में चिकित्सक उपस्थित रहे।