बिना शोधन गिर रहा गंगा में नाला, सरकारें बदलीं मंशा साफ नहीं
वाराणसी। प्रदेश में नाथ सम्प्रदाय के आस्था के केंद्र गोरक्ष धाम के पीठाधीश्वर योगी जी और केंद्र में भाजपा की मोदी सरकार है। लेकिन केंद्र सरकार जो कार्य कर रही है उसी का ढिंढोरा राज्य सरकार पीट रही है। शासन और प्रशासन पूरी तरह से निरंकुश हो चुकी है। कभी डीएम सरेराह जनता को थप्पड़ मार रहे हैं तो कहीं खुलेआम बदमाश गोलियों से भून रहे हैं। थानेदार से लेकर उच्चाधिकारियों तक सभी मनमानी पर तुले हैं। अलबत्ता आमजन को नुकसान हो रहा है। उक्त बातें जनतादल यूनाइटेड युवा के प्रदेश अध्यक्ष अरविंद सिंह पटेल ने एक अनौपचारिक बातचीत के दौरान कही। जिस तरीके से बिहार में लालू यादव के शासन के दौरान उन्ही की फरियाद सुनी जाती थी जो या तो सत्ता के करीब थे या फिर मलाईदार पोस्ट पर थे। वही हालात अब यूपी के हो गए हैं।
इसे लेकर 11 दिसम्बर को पार्टी देवरिया मुख्यालय पर डीएम से मुलाकात कर अपनी मांग रखेगी।
श्री पटेल ने कहा कि केंद्र और राज्य दोनों में भाजपा की सरकार होने के बावजूद गंगा आज भी भागीरथ जैसे बेटे का इंतजार कर रही है। गंगा के नाम पर मोदी सरकार ने अपनी सरकार की शुरुआत की थी मगर इनकी सरकार में भी गंगा अविरल नहीं हो सकती हैं। कुछ जगहों पर सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) तो बने हैं लेकिन उन शहरों में एसटीपी की मानक से ज्यादा जल नदियों में जा रहे हैं यह साफ करता है कि सरकार जनता को दिखाने के लिए ही काम कर रही है ना की उनके मंसूबे साफ हैं। गंगाजल को लेकर प्रचलित प्रथा थी कि यदि बोतल में भी गंगाजल रख दिया जाए तो उसमें कीड़े नहीं पड़ते थे आज हालात यह है कि पूरी गंगा में ही कीड़े हैं। यह सरकार जनता की भावनाओं से खेल रही है, भावनात्मक मुद्दे उभारकर आमजन की जरूरत और छोटी चीजों पर ध्यान नहीं दे रही है।