Dev Dipawali: Kashmir's greed will be seen at Tulsighat

देवदीपावली: तुलसीघाट पर दिखेगा कश्मीर का लालचौक


 




वाराणसी। हमेशा से प्रयोगधर्मिता के लिए पहचान रखने वाली काशी के तुलसीघाट पर देवदीपावली में इस बार फिर देशभक्ति हिलोर मारेगी। आर्टिकल 370 हटने और केंद्र सरकार के अधीन आए कश्मीर की संस्कृति को  देश की सांस्कृतिक राजधानी काशी में दिखाई जाएगी। संकटमोचन फाउंडेशन की ओर से इस बार 50 फुट ऊंचा लालचौक का दृश्यांकन किया जाएगा, जिसे मुम्बई, पटना, दिल्ली, अररिया और बनारस के कलाकार तैयार करेंगे। आयोजन समिति से जुड़े कलाकार और पदाधिकारियों ने महंत संकटमोचन प्रो. विश्वम्भरनाथ मिश्र से मुलाकात कर विस्तृत चर्चा की।





आयोजकों ने बताया कि काशी हमेशा से सरकार के उन सभी निर्णयों का स्वागत और सराहना करती है जो साहसिक है। कश्मीर में आर्टिकल 370 हटना देश के लिए गौरव का विषय है, इसलिए तुलसीघाट की देव दीपावली 'काशी टू कश्मीर' के कांसेप्ट पर मनेगी। जिसमे काशी-कश्मीर के संस्कृति का बेहतरीन समन्वय देखने को मिलेगा। कार्यक्रम के कल्पनाकार पूर्व चिकित्साधीक्षक ने बताया कि फ्रांस में जब आतंकी हमला हुआ तो बनारस ने भी उस दर्द को महसूस किया, जिसके बाद तुलसीघाट पर एफिल टॉवर बनाकर आतंक के खिलाफ लोगों से शपथ ली, उसके बाद सरकार के ऐतिहासिक और साहसिक कदम एयरस्ट्राइक को समर्पित झांकी तैयार हुई, फिर काशी के 84 घाट को दिखाने का प्रयास हुआ। साथ ही ठुमरी साम्रगी स्व. गिरिजा देवी (अप्पा जी) को समर्पित रहा। इस बार काशी टू कश्मीर मॉडल भी काफी लोकप्रिय होने वाला है।