बिल्डर की गोली मारकर हत्या, पुलिस की ताबड़तोड़ छापेमारी
जाने कब और कहा बनारस में हुई है वारदात...
वाराणसी। यूपी की कानून-व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त हो गई है। बढ़ते अपराध के ग्राफ से योगी सरकार की जमकर किरकिरी हो रही है तो दूसरी ओर पुलिसिंग पर भी सवाल खड़े होने लगे है। इमानियां बदमाशों को एनकाउंटर में मारकर अपनी पीठ थपथपा रही पुलिस के लिए अब भी बदमाश सिरदर्द बने हुए है। बढ़ते अपराध से बनारस कराह उठा है।
वहीं रविवार की देर रात भी बदमाशों ने पूर्व डीआईजी सभाजीत सिंह के पुत्र व 42 वर्षीय बिल्डर बलवंत सिंह को निशाना बनाया और मौत के घाट उतार दिया। हर घटना के बाद वाराणसी पुलिस जल्द खुलासे का दावा कर रही मगर खुलासे में वह पूरी तरह फेल है।
बताया जाता है कि रविवार की देर रात कैंट थाना क्षेत्र के अशोक विहार कॉलोनी पाण्डेयपुर में बलवंत अपने सहकर्मी बिल्डरों रामगोपाल सिंह और पंकज चौबे के साथ खाना खा रहे थे, इसी दौरान बलवंत सिंह और पंकज चौबे के बीच कहासुनी हो गई, जिसके बाद पंकज और बलवंत घर से बाहर निकले। परिजनों का आरोप है की पंकज चौबे ने ही बलवन्त को गोली मारकर मौत के घाट उतार दिया। इस दौरान रामगोपाल सिंह घटना से अनभिज्ञ कमरें में ही थे।
घटना की सूचना जैसे ही वाराणसी पुलिस को लगी महकमे में हड़कंप मच गया। आनन-फानन में बलवंत को लेकर मलदहिया स्थित निजी चिकित्सालय लेकर पहुंचे। जहा चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। जिसके बाद परिजनों ने पुलिस को जमकर खरीखोटी सुनाई और हंगामा करने लगे। आक्रोशित परिजनों को किसी तरह पुलिस ने समझाबुझाकर शांत कराया। परिजनों के बयान पर पुलिस पंकज चौबे के ठिकानों पर ताबड़तोड़ छापेमारी कर रही है। बताते चले कि बलवंत सिंह की गिनती शहर के बड़े बिल्डरो में होती रही है। वही रामगोपाल सिंह को शहर का सबसे बड़े बिल्डर के नाम से जाना जाता है।
सुरक्षा के लिए ले रखी थी बुलेटप्रूफ गाड़ी
अपनी सुरक्षा के लिए बलवंत बुलेटप्रुुफ गाड़ी से चलते थे। साथ ही लाइसेंसी पिस्टल भी रखते थे। लेकिन वह वारदात के समय उनके काम नही आई। हमलावरों ने बलवंत को गाड़ी में बैठने के पहले ही मौत के घाट उतार दिया। पुछताछ में बलवंत के मित्र रामगोपाल सिंह ने बताया कि दावत में उनके अन्य पार्टनर भी आये थे। एक पार्टनर पंकज चौबे बलवंत से पहले ही घर से निकल गये।
बनारस में हुए वारदात
- 22 जुलाई को पहड़िया के कृष्णा नगर कॉलोनी निवासी पाइप कारोबारी धर्मेंद्र गुप्ता की हत्या कर बदमाशों ने पांच लाख रुपये लूट लिए थे।
- 3 सितंबर को कैंट थाना क्षेत्र के मड़वा गांव में दिन-दहाड़े बाइक सवार बदमाशों ने दिव्यांग चाय-पान विक्रेता दिलीप पटेल को गोली मार कर मौत के घाट उतार दिया था।
- 8 सितंबर को सारनाथ में 70 साल की बुजुर्ग महिला नारंगी देवी की गोली मारकर बदमाशों ने हत्या कर दी थी।
- 21 सितंबर को चेतगंज थाना क्षेत्र के सरायगोवर्धन में पिशाचमोचन की गद्दी और संपत्ति विवाद में तीर्थ पुरोहित कृष्ण कांत उपाध्याय और उनकी पत्नी ममता की घर में गोली मारकर हत्या की गई थी।
- 23 सितंबर को बीएचयू परिसर स्थित आयुर्वेद विभाग के सामने चाय की दुकान चलाने वाले राम जतन साहनी उर्फ रामू की देर रात सोते वक्त ईंट से सिर कूंच कर हत्यारों ने जान ले ली थी।
- 30 सितंबर को सदर तहसील में बाइक सवार बदमाशों ने लोहिया नगर के रहने वाले ठेकेदार और बस संचालक नितेश सिंह उर्फ बबलू की हत्या कर दी।
- इसी बीच लंका थाना क्षेत्र में नाबालिग की भी हत्या कर शव को नाले में फेंक दिया गया था।