54 countries still have iodine deficiency

आयोडीन अल्पता विकार दिवस पर निकाली जाएगी जागरूकता रैली, 54 देशों में अभी भी है आयोडीन की कमी


वाराणसी। विश्व आयोडीन अल्पता दिवस पर सोमवार को जिले के सभी स्वास्थ्य विभाग जन समुदाय के बीच जागरूकता अभियान चलायेगा। इस तरह की समस्याओं की रोकथाम के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में एएनएम और आशा कार्यकर्ता प्रचार-प्रसार सामाग्री के माध्यम से लोगों को आयोडीन युक्त नमक खाने के लिए प्रेरित करेंगी । जिससे आयोडीन की कमी से होने वाले विकारों से बचाया जा सकें। रविवार को जिले के मुख्य चिकित्साधिकारी(सीएमओ) डॉ वीबी सिंह ने बताया कि राष्ट्रीय आयोडीन अल्पता विकार नियंत्रण कार्यक्रम के तहत हर साल इस दिवस को मनाया जाता है। इसके पीछे का मुख्य उद्देश्य यह है कि आयोडीन की कमी से होने वाले विकारो के प्रति लोगो में जागरूकता लाई जा सके। आयोडीन युक्त नमक न खाने की वजह से बच्चों का शारीरिक एवं मानसिक विकास रुक जाता है। उन्होंने बताया कि 21 से 30 अक्तूबर तक साप्ताहिक गतिविधियों में सेमिनार, कार्यशाला, स्वास्थ्य शिविर एवं स्कूली बच्चों में कार्यक्रम से संबन्धित निबंध लेखन, स्लोगन लेखन, चित्र बनाना आदि का आयोजन किया जाएगा।




डा.सिंह ने बताया कि आयोडीन की अल्पता से विकार (आयोडीन डिफ़ीसिएन्सी डिसऑर्डर, आईडीडी) को दुनिया भर में प्रमुख पोषणसंबंधी विकारो में से एक माना गया है । आंकड़ों की बात जाए तो राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण 2015-16 (एनएफएचएस-4) के अनुसार वाराणसी जिले में 97.3 प्रतिशत ऐसे परिवार हैं जो आयोडीन युक्त नमक का इस्तेमाल करते हैं जिसमें ग्रामीण इलाकों के 98.2 प्रतिशत परिवार और शहरी इलाकों के 96.4 प्रतिशत परिवार हैं। उन्होंने बताया कि पूरे उत्तर प्रदेश में कुल 93.7 प्रतिशत परिवार आयोडीन युक्त नमक का इस्तेमाल करते हैं जिसमें ग्रामीण इलाकों के 97.3 प्रतिशत और शहरी इलाकों के 92.4 प्रतिशत परिवार आयोडीन युक्त नमक का इस्तेमाल करते हैं।


विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार लगभग 54 देशों में अभी भी आयोडीन की कमी है। आयोडीन की कमी की वजह से आज के परिदृश्य में दुनिया की लगभग एक तिहाई आबादी को आयोडीन अल्पता विकार से पीड़ित होने का खतरा है। इंडियन जर्नल ऑफ मेडिकल रिसर्च में प्रकाशित वर्ष 2009 के एक शोध के अनुसार भारत में हर साल लगभग 90 लाख गर्भवती महिलाओं, 80 लाख नवजात शिशु एवं 76 लाख बच्चों को आयोडीन अल्पता विकार का खतरा होता हैं। भारत दुनिया भर के देशों में से पहला एक ऐसा देश हैं, जिसने आयोडीन युक्त नमक द्वारा आयोडीन की कमी से उत्पन्न विकारों को रोकने के लिए सार्वजनिक स्वास्थ्य कार्यक्रम शुरू किया।